आर्य समाज विवाह: परम्पराएँ, रीति‑रिवाज़ और आज का रूप
अगर आप आर्य समाज की शादी में रुचि रखते हैं तो सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि इसका मूल उद्देश्य क्या है। यहाँ शादियों को सिर्फ दो परिवारों का मिलन नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम माना जाता है। इसलिए सभी तब्बे‑तब्बे से अलग, यहाँ का माहौल सरल और शुद्ध रहता है।
आर्य समाज में विवाह की मुख्य रस्में
सबसे पहले सगाई (एंगेजमेंट) होती है, जहाँ रिश्तेदारों को एक छोटा समारोह में बुलाया जाता है और दो परिवारों की सहमति ली जाती है। उसके बाद जवाब-इजाफ़ा का रिवाज़ है—वधू के पिता की ओर से दुल्हे को कुछ सामान और आशीर्वाद दिया जाता है। शादी के दिन कन्यादान सबसे महत्वपूर्ण होता है; पिता अपनी बेटी को समाज के लक्ष्यों के साथ ‘समर्पित’ करता है। फिर फेरे लगते हैं, लेकिन यहाँ सात फेरे को ‘सात सिद्धान्तों’ के रूप में समझा जाता है, जैसे सत्य, प्रेम और सेवा। समाप्ति में सभी को भजन‑कीर्तन के साथ बुलाई जाती है, जिससे माहौल आध्यात्मिक रूप से ऊँचा हो जाता है।
आज के समय में बदलते आर्य समाज विवाह
समय के साथ कई बदलाव आया है। आज युवा दूल्हा-दुल्हन अक्सर पार्टी‑स्टाइल में नहीं, बल्कि सादगी को प्राथमिकता देते हैं। वे शादी से पहले कैंपस में काउंसलिंग लेते हैं, ताकि विवाह के बाद के अधिकार और जिम्मेदारी को समझ सकें। फिर भी मूल सिद्धान्त—समानता, शिक्षा और सामाजिक सेवा—स्थिर रहते हैं। कई संघटन अब पर्यावरण‑मित्र विकल्प चुनते हैं, जैसे सजावट में प्लास्टिक कम करना और स्थानीय सड़कों पर दान। इस तरह की छोटी‑छोटी चीज़ें भी आर्य समाज के मूल विचार को आगे बढ़ाती हैं।
अगर आप इस समाज में शादी की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले स्थानीय आर्य समाज कार्यालय से संपर्क करके उनकी गाइडलाइन लेनी चाहिए। वे आपको अनुशासन, दस्तावेज़ी कार्य और रीतियों की पूरी जानकारी देंगे। फिर एक भरोसेमन्द इवेंट प्लानर को शामिल करें जो परम्परा को संजीवित रखने के साथ आधुनिक सुविधाओं को भी जोड़ सके।
अंत में, याद रखिए कि आर्य समाज की शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि समाज को आगे बढ़ाने का एक कदम है। जब आप दुल्हन या दूल्हा बनते हैं, तो आप न केवल अपने जीवन साथी को चुनते हैं, बल्कि सामाजिक सुधार के मिशन को भी अपनाते हैं। यही है आर्य समाज विवाह का असली सार।
शीर्ष न्यायालय ने आर्य समाज विवाहों पर HC के आदेश को रोक दिया?

सुनिश्चित करने के लिए की आर्य समाज विवाहों के नियमों का पालन हो रहा है, उच्च न्यायालय ने हाल ही में कुछ आदेश जारी किए थे। लेकिन, शीर्ष न्यायालय ने इन आदेशों पर रोक लगा दी है। शीर्ष न्यायालय के इस निर्णय के बाद आर्य समाज विवाहों पर पहले के नियमों का पुनः लागू होने की संभावना है। मेरे अनुसार, यह कदम विवाह की मुक्ति और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसका उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा करना है।
- जुलाई 22 2023
- अभिनव प्रतिबिम्ब
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- शीर्ष न्यायालय आर्य समाज विवाह hc का आदेश आदेश को रोकना
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